लखनऊ हाईकोर्ट ने बहराइच में बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिनों के लिए रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में जिन 23 लोगों को नोटिस जारी किया था, उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन दिन बाद, 23 अक्टूबर को होगी।उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (यूपी ईस्ट के उपाध्यक्ष सैयद महफूजुर रहमान के माध्यम से) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले की त्वरित सुनवाई के लिए हाईकोर्ट की विशेष पीठ का गठन किया गया है, जिसमें जस्टिस अताउर रहमान मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी सुनवाई कर रहे हैं।मुख्य स्थायी अधिवक्ता (CSC) शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा- कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर किसी तरह का कोई रोक नहीं लगाई है। अदालत ने 23 अक्टूबर को ही मामले की अगली सुनवाई करने का फैसला किया है। ऐसे में सरकार को फिलहाल किसी बड़ी राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है।
वहीं याचिकाकर्ता के वकील सौरभ शंकर श्रीवास्तव ने बताया कि हाईकोर्ट ने प्रमुख रूप से चार पॉइंट पर आदेश दिया है।
समय बढ़ाया गया: पीडब्ल्यूडी द्वारा चस्पा किए गए नोटिस के तहत दिए गए तीन दिनों के समय को बढ़ाकर 15 दिन कर दिया गया है। तीन दिन का समय शनिवार शाम को समय समाप्त गया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन: अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किसी भी आदेश का पूरी तरह पालन करना होगा।
निर्माण की जानकारी: सरकार को तीन दिनों के भीतर यह बताना होगा कि कितने मकानों को चिन्हित किया गया है और कितने मकान अवैध रूप से बनाए गए हैं।
राजस्व रिकॉर्ड: हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार को रेवेन्यू रिकॉर्ड में यह बताना होगा कि सड़क की चौड़ाई कितनी है और यह सड़क कहां से कहां तक बनी हुई है।