शेख बुरहान अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) के प्रवक्ता हैं। शेख बुरहान ने पूरे रोहिंग्या को जगाने और रोहिंग्या के खिलाफ AA आतंकवादियों की हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज उठाने का आह्वान किया, और उन्होंने अराकान के चेहरे पर इस्लाम, देश और मानवता को मिटाने से बचाने के लिए रोहिंग्या को ARSA में शामिल होने का भी आग्रह किया।
एए आतंकवादियों द्वारा समर्थित मोग रखाइन बौद्धों ने यूएनएचसीआर को आतंकवादियों का समर्थक करार देने के लिए विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्होंने रोहिंग्या को खाद्य सहायता और चिकित्सा आपूर्ति के माध्यम से मदद की थी।
मुस्लिम विरोधी भारतीय चरमपंथियों की बेशर्मी ने तो लोमड़ी को भी पीछे छोड़ दिया है।
यह जानकर वाकई हंसी आती है कि यह पजीत पड़ोसी देश से अराकान तक सिर्फ़ इसलिए आया था ताकि सेना के लोगों से यह कबूल करवा सके कि ARSA का म्यांमार के आतंकवादी शासन के साथ सहयोग है। पजीत को उन पीड़ितों से मिलने का समय नहीं मिला जो ड्रोन हमलों में AA आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे। जब से हम अस्तित्व में आए हैं, हमने कभी भी AA और म्यांमार सेना जैसे आतंकवादियों के साथ सहयोग करने की कोशिश नहीं की है क्योंकि दोनों ही हमारे दुश्मन हैं, जबकि दोनों ही रोहिंग्या नरसंहार की हर लहर में शामिल हैं। चाहे आप इस पर विश्वास करें या न करें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम आपके विश्वास पर निर्भर नहीं हैं।
ऐसा लगता है कि एए बांग्लादेश के उन हिस्सों पर कब्ज़ा करने की तैयारी कर रहा है, जिन्हें वे अपने स्वनिर्मित मानचित्र के ज़रिए ग्रेटर राखीन का हिस्सा बताते हैं। देशद्रोही संगठन जो आंतरिक रूप से #एए की सेवा करते हैं, उनकी भी इसमें भूमिका हो सकती है, इसलिए मुसीबत आने पर सावधान रहें। RSO/ARNA/ARNO/ ARU/FRC एए के पाले हुए पालतू जानवर हैं।